Press Release

विश्व एड्स दिवस

30 November 2018

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनिओ गुटेरेस का संदेश

1 दिसंबर, 2018
हम पिछले तीस वर्षों से विश्व एड्स दिवस मना रहे हैं। पर इस तीसवें वर्ष में एचआईवी से जुड़ी…

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनिओ गुटेरेस का संदेश

1 दिसंबर, 2018
हम पिछले तीस वर्षों से विश्व एड्स दिवस मना रहे हैं। पर इस तीसवें वर्ष में एचआईवी से जुड़ी हमारी पहल मानो दोराहे पर खड़ी है। हम किस राह को चुनते हैं, इसी से यह तय होगा कि यह महामारी क्या नया रूप लेगी- क्या 2030 तक हम एड्स को समाप्त कर पाएंगे, या भविष्य की पीढ़ियां भी इस विनाशकारी रोग के बोझ तले दबी रहेंगी।

एचआईवी से 7.7 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हैं, और एड्स जनित रोगों के कारण 3.5 करोड़ से अधिक लोग मौत का शिकार हुए हैं। इस महामारी के निदान और उपचार की दिशा में काफी प्रगति हुई है और रोकथामकारी प्रयासों से लाखों नए संक्रमणों को रोका गया है।

फिर भी प्रगति की रफ्तार विश्वव्यापी अपेक्षा पर खरी नहीं उतर रही। नए एचआईवी संक्रमणों में गिरावट की गति पर्याप्त तेज नहीं है। कुछ क्षेत्र पिछड़ रहे हैं और वित्तीय संसाधन पर्याप्त नहीं है। लांछन और भेदभाव अब भी लोगों को पीछे की ओर धकेल रहे हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके खिलाफ भेदभाव किया जाता है। ऐसे लोगों में समलिंगी पुरुष और ऐसे पुरुष जो पुरुषों के साथ सेक्स करते हैं, सेक्स वर्कर्स, ट्रांसजेडर लोग, मादक पदार्थों का सेवन करने वाले, कैदी और प्रवासी- युवतियां और किशोरियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एचआईवी के साथ जीवन जीने वाले हर चार में से एक व्यक्ति को यह पता ही नहीं है कि वह वायरस से ग्रस्त है। इससे वे लोग रोकथाम, उपचार और दूसरी तरह की देखभाल और सहयोगी सेवाएं हासिल करने के बारे में जानकार फैसले नहीं ले पाते।

एचआईवी की जांच में बढ़ोतरी के लिए अब भी समय है। अधिक से अधिक लोगों को उपचार उपलब्ध कराने, नए संक्रमणों को रोकने और लांछन को समाप्त करने के लिए भी अभी समय है। पर इस निर्णायात्मक मोड़ पर हमें सही राह चुननी होगी।

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