Press Release

महासचिवः प्रशासन की मज़बूती, विश्वसनीय संस्थाओं के निर्माण हेतु अधिक प्रयास आवश्यक

12 September 2018

संयुक्त राष्ट्र महासचिव का संदेश

महासचिवः प्रशासन की मज़बूती, विश्वसनीय संस्थाओं के निर्माण हेतु अधिक प्रयास आवश्यक

भ्रष्टाचार और संघर्ष के बारे में…

संयुक्त राष्ट्र महासचिव का संदेश

महासचिवः प्रशासन की मज़बूती, विश्वसनीय संस्थाओं के निर्माण हेतु अधिक प्रयास आवश्यक

भ्रष्टाचार और संघर्ष के बारे में 10 सितम्बर को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव का वक्तव्यः

मैं सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष अमेरिका को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने यह बैठक बुलाई है। इससे अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखने के हमारे प्रयासों के अंतर्गत भ्रष्टाचार से निपटने का महत्व उजागर होता है।

भ्रष्टाचार सभी देशों में मौजूद है। अमीर और गरीब, उत्तर और दक्षिण, विकसित और विकासशील, सभी देशों में। इन देशों की संख्या हमें चौंका देती है कि इस चुनौती का दायरा कितना फैला हुआ है। विश्व आर्थिक मंच का अनुमान है कि भ्रष्टाचार की लागत कम से कम $26 खरब की है जो विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 5 प्रतिशत है। विश्व बैंक के अनुसार कंपनियाँ और व्यक्ति हर वर्ष $ 10 खरब से अधिक की रिश्वत देते हैं।

भ्रष्टाचार, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सुविधाओं से उनके लिए ज़रूरी धन छीन लेता है। संस्थाओं को नष्ट कर देता है, क्योंकि सरकारी अधिकारी अमीर होते रहते हैं या अपराधों से आँख मूँद लेते हैं। यह लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करता है, विदेशी निवेश को विमुख करता है और पर्यावरण का विनाश करता है।

भ्रष्टाचार, सरकार और प्रशासन से मोह भंग कराता है और अकसर राजनीतिक गड़बड़ और सामाजिक एकता में टूट की जड़ होता है। गरीबों और लाचारों को बेहिसाब कष्ट उठाना पड़ता है और भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई का अभाव समस्या को औऱ गंभीर कर देता है।
भ्रष्टाचार संघर्ष भी भड़का सकता है। संघर्ष भड़कने से भ्रष्टाचार और फैलता है। और संघर्ष शांत हो जाए तब भी भ्रष्टाचार उससे उबरने में बाधक हो सकता है।

भ्रष्टाचार राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं का विघटन करता है और उस पर ही पनपता भी है। ये संस्थाएं संघर्ष के समय सबसे अधिक संकट में होती हैं। अस्थिरता और हिंसा के अनेक रूपों, जैसे, हथियारों, मादक पदार्थों और लोगों की तस्करी, से भ्रष्टाचार का गहरा संबंध है।

भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के बीच के संबंध को सुरक्षा परिषद औऱ महासभा ने बार-बार उजागर किया है। भ्रष्टाचार के ज़रिए चुराए गए धन का इस्तेमाल हिंसक उग्रवादी और आतंकवादी कार्रवाइयों सहित अपराधों को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के बारे में संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण से पता लगा कि संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी अधिकारियों में रिश्वतख़ोरी का चलन खासतौर पर अधिक है। संघर्ष की स्थितियों में, भ्रष्टाचार निरोधक आयोग, समाज और मीडिया जैसे सम्बद्ध पक्ष या तो कमज़ोर कर दिए जाते हैं या उनके काम में बाधा डाली जाती है।

संघर्ष के दौरान भ्रष्टाचार के नतीजे विशेष रूप से विनाशकारी हो सकते हैं क्योंकि उनका असर सबसे बुनियादी ज़रूरतों पर पड़ता है और उनके कारण भुखमरी व गरीबी में वृद्धि हो सकती है।

भ्रष्टाचार से संघर्ष में सदस्य देशों को अग्रिम पंक्ति में होना चाहिए। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोगों की क्षमता निर्माण करना और दंड विधान प्रयास अपनाना ज़रूरी है।

सरकारें, न्यायपालिका की निष्पक्ष, प्रबुद्ध समाज की जागरूक, मीडिया की स्वतंत्रता तथा भ्रष्टाचार की सूचना देने वालों के लिए असरदार सुरक्षा सुनिश्चित करके भी भ्रष्टाचार निरोधक उपायों को मज़बूती दे सकती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, धन शोधन, कर चोरी और धन के अवैध प्रवाह पर कारगर अंकुश लगाने के लिए काम करके इन प्रयासों में योगदान कर सकता है। धन शोधन, कर चोरी और धन का अवैध प्रवाह, देशों से उनके लिए आवश्यक संसाधन छीनते हैं और भ्रष्टाचार बढ़ाते हैं।

परिषद के सदस्य जानते हैं कि मैंने संघर्षों को रोकने और उनके भड़कने से पहले ही जोखिमों का समाधान करने के प्रयास बढ़ाने का आग्रह किया है। उसी भावना के अंतर्गत, भ्रष्टाचार से मुकाबला और अनेक संघर्षों के मूल में निहित प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान भी निवारक उपायों के अंग होने चाहिए। यह विश्वास और जवाबदेही की ठोस बुनियाद डालने तथा संकट में डटे रहने की समाज की क्षमता बढ़ाने का अवसर है।

शांति कार्रवाइयों में हमारे प्रयास स्पष्ट भ्रष्टाचार निरोधक नीतियों के आधार पर निर्धारित और संचालित होने चाहिए जिनसे जवाबदेही एवं कानून के शासन के प्रति सम्मान की संस्कृति को बल मिल सके।

इस वर्ष जनवरी में अपने शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी यूनियन ने 2018 को अफ्रीकी भ्रष्टाचार निरोधक वर्ष के रूप में मनाने का सूत्रपात किया। मुझे यह जावकर प्रसन्नता हुई नाइजीरिया और ट्यूनीशिया में धन शोधन पर अंकुश लगाने के प्रयासों से कुछ धन वापस आया है।

जैसा कि मैंने पिछली मई में संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक संधि की 15वीं वर्षगाँठ के अवसर पर महासभा में कहा था, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह संगठन, उत्तम विधियों की जानकारी देने से लेकर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाओं को मज़बूत करने के प्रयासों को समर्थन देने सहित, सदस्य देशों को अनेक प्रकार से समर्थन दे सकता है। ग्वाटेमाला में कानूनी कार्रवाई से मुक्ति के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय आयोग इसका एक उदाहरण है।

संधि के अनुमोदन से पहले भ्रष्टाचार को अपराध घोषित करने या चुराई गई राशि को बरामद करने के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था नहीं थी। अब 186 देश इस संधि से सम्बद्ध हैं और दुनिया के लगभग हर देश के कानून में भ्रष्टाचार एक अपराध मान लिया गया है।

संधि के अंतर्गत सशक्त साथी समीक्षा तंत्र, रोकथाम को सशक्त करने, धन शोधन की चालों में बाधा डालने, चोरी छिपे रखी गई राशि को विदेशी बैंकों से वापस लाने और अन्य आवश्यक कार्रवाइयों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का वैश्विक फ्रेमवर्क बन गया है। मैं सभी सदस्य देशों को प्रोत्साहित करता हूँ कि वे इसे अधिक दृढ़ संकल्प के साथ लागू करें।

आइए हम टैक्नॉलॉजी में हुई उन्नति का भी लाभ उठाएं, जो प्रशासन में जन भागीदारी का दायरा बहुत अधिक फैलाने और जवाबदेही बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।

इसके साथ ही, हम जानते हैं कि संधियों और कानूनी उपायों के साथ-साथ सशक्त नेतृत्व भी आवश्यक है जो भ्रष्टाचार को प्रमुख चुनौती माने और उसके विरुद्ध कार्रवाई को प्राथमिकता दे।

दुनियाभर में अपने नेताओं के भ्रष्टाचार और समाज में उसकी गहरी जड़ों के विरुद्ध लोगों का आक्रोश फूट रहा है। उनकी यह माँग सही है कि राजनीतिक प्रतिष्ठान पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करे अन्यथा सत्ता उन्हें सौंपी जाए जो ऐसा कर सकते हैं। मैं हर जगह नेताओं से आग्रह करता हूँ कि वे इस पुकार को सुनें, जिससे ईमानदारी की संस्कृति पनपे और नागरिक ज़मीनी स्तर पर अपनी भूमिका निभाने के लिए सशक्त हों।

हमें भ्रष्टाचार से संघर्ष करने, प्रशासन को मज़बूत करने और विश्वसनीय संस्थाओं का निर्माण करने के लिए और प्रयास करने होंगे जिससे सुनिश्चित और सबके लिए प्रगति सुनिश्चित हो सके।

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