Press Release

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने जरूरतमंद रोहिंग्‍या शरणार्थियों के लिए सीमाएं खोलने पर बांग्‍लादेश की सराहना की

24 July 2018

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने म्‍यांमार में जानबूझकर की जा रही व्‍यापक हिंसा के कारण अपने घरों से खदेड़े जा रहे…

[vc_row][vc_column][vc_column_text]

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने म्‍यांमार में जानबूझकर की जा रही व्‍यापक हिंसा के कारण अपने घरों से खदेड़े जा रहे लाखों रोहिंग्‍या शरणार्थियों को सुरक्षित निवास देने के लिए बांग्‍लादेश की सराहना की है।

बांग्‍लादेश की यात्रा पर गए संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने अपनी सीमाएं खुली रखने और अंतर्राष्‍ट्रीय संरक्षण के जरूरतमंद लोगों को प्रवेश देने के लिए उसकी सराहना की है। श्री गुतेरेस ने रविवार को राजधानी ढाका में कहा, "जब दुनिया में इतनी सारी सीमाएं बंद हैं तब बांग्‍लादेश के लोगों और सरकार ने अपनी सीमाएं खुली रखीं और म्‍यांमार से भीषण घटनाओं के शिकार होने के कारण आ रहे अपने भाई-बहनो का स्‍वागत किया।"

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने विश्‍व बैंक की भी सराहना की कि उसने हाल ही में बांग्‍लादेश के लिए लाखों डॉलर के अनुदान की घोषणा की है। यह अनुदान शरणार्थियों और उनके मेज़बान समुदायों की मदद के लिए दिया गया है।

श्री गुतेरेस ने आजादी के बाद से बांग्‍लादेश द्वारा की गई प्रगति का जिक्र करते हुए इस बात का उल्‍लेख किया कि उसने अपनी राष्‍ट्रीय योजनाओं में सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडा और सतत विकास लक्ष्‍यों को समाहित किया है। उन्‍होंने कहा कि बहुत से अन्‍य देश उसके उदाहरण का अनुसरण कर सकते हैं।

श्री गुतेरेस ने जलवायु परिवर्तन के असर के प्रति खासतौर पर बांग्‍लादेश जैसे देशों को सावधान किया, जहां बहुत सारी जमीन समुद्र तल के करीब है।

उन्‍होंने 2015 के पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के जरिए किए गए संकल्‍पों को पूरा करने के लिए अधिक राजनीतिक दृढ़ता का आग्रह किया और देशों से आग्रह किया कि वे तापमान में वृद्धि को सीमित करने के लिए अपने लक्ष्‍य ऊँचे करें।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने महिलाओं और युवाओं को सशक्‍त करने के महत्‍व पर भी बल देते हुए आग्रह किया कि युवाओं को अधिक अवसर दिए जाएं और उनके लिए शिक्षा को अधिक सुलभ कराया जाए।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव विश्‍व बैंक समूह के अध्‍यक्ष जिम योंग किम के साथ संयुक्‍त यात्रा के दौरान रविवार को बांग्‍लादेश पहुंचे थे।

रविवार को श्री गुतेरेस और श्री किम बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मिले। इस मुलाकात के दौरान उन्‍होंने जटिल रोहिंग्‍या संकट के समाधान के बारे में बांग्‍लादेश सरकार के साथ सहयोग पर चर्चा की। उन्‍होंने बातचीत की कि वे किस तरह आपस में मिलकर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर सकते हैं कि रोहिंग्‍या शरणार्थी म्‍यांमार लौट सकें और साथ ही बांग्‍लादेश में उनके लिए परिस्थितियों में सुधार किया जा सके।

इस मुलाकात के बाद श्री किम ने ट्वीट संदेश में कहा, "रोहिंग्‍या को निवास देकर बांग्‍लादेश ने दुनिया की बहुत बड़ी सेवा की है और हम हर तरह से इस प्रयास को समर्थन देंगे।"

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव और विश्‍व बैंक समूह के अध्‍यक्ष बंगबंधु स्‍मारक संग्रहालय देखने भी गए जो बांग्‍लादेश के प्रथम राष्‍ट्रपति और वर्तमान प्रधानमंत्री के पिता बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान रहमान का निवास हुआ करता था। उनकी और उनके परिवार के अन्‍य सदस्‍यों की अगस्‍त 1975 में सैनिकों के एक दल ने हत्‍या कर दी थी।
बाद में शाम को महासचिव और उनके शिष्‍टमंडल के सदस्‍यों के सम्‍मान में बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रात्रि भोज का आयोजन किया।

इस यात्रा के दौरान श्री गुतेरेस के साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र के वरिष्‍ठ अधिकारी भी हैं जिनमें शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त फ्लिपो ग्रांडी और संयुक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या कोष (यूएनएफपीए) की कार्यकारी निदेशक नतालिया कानेम शामिल हैं।

सोमवार को वे दक्षिण बांग्‍लादेश में कॉक्‍स बाजार जाएंगे और वहां रोहिंग्‍या शरणार्थी समुदायों और मानवीय सहायता कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।

अगस्‍त, 2017 के अंतिम दिनों से म्‍यांमार में मुख्‍यत: मुस्लिम अल्‍पसंख्‍यक रोहिंग्‍या समुदाय हिंसा के शिकार हैं। उनमें से हजारों लोग राखिन राज्‍य में अपना घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए और सीमा पार करके बांग्‍लादेश पहुँचे है। इससे पहले भी विस्‍थापन के कारण 2,00,000 से अधिक रोहिंग्‍या शरणार्थियों ने बांग्‍लादेश में शरण ली थी।

हालांकि नए आने वाले शरणार्थियों की संख्‍या कम हो रही है और संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा म्‍यांमार सरकार के बीच समझौता हो गया है कि म्‍यांमार सरकार ऐसी परिस्थितियां उत्‍पन्‍न करेगी कि शरणार्थी स्‍वेच्‍छा से सुरक्षित लौट सकें। फिर भी संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसियों ने बताया है कि अभी तक ऐसी परिस्थितियां नहीं बन पाई हैं।

24 मई तक करीब 9,05,000 शरणार्थी कॉक्‍स बाजार में थे। इनकी मौजूदा और बढ़ती आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र ने मार्च में एक ज्‍वाइंट रिस्‍पांस प्‍लॉन शुरू किया था जिसमें 95.1 करोड़ अमरीकी डॉलर जुटाने को कहा गया था जिससे शरणार्थियों और मेजबान समुदायों को जीवन रक्षक सहायता दी जा सके। किन्‍तु इस अपील के जवाब में केवल 18 प्रतिशत धन प्राप्‍त हुआ है।

"अगर सागर के करीब के निचले इलाकों को गौर से देखा जाए तो हम समझ सकते हैं कि बांग्लादेश जलवायु परिवर्तन के असर के सामने कितना लाचार है - महासचिव गुतेरेस"[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

UN entities involved in this initiative

UN
United Nations

Goals we are supporting through this initiative