Press Release

संयुक्त राष्ट्र महासचिव: आज के वैश्विक जगत में विकास संघर्ष रोकने के साधन से कहीं अधिक है

19 July 2018

महासचिव: आज के वैश्विकृत जगत में साधारण विकास केवल संघर्ष रोकने का साधन मात्र नहीं, कुछ और भी है

न्‍यूयॉर्क में 18 जुलाई को आर्थिक एवं सामाजिक परिषद…

महासचिव: आज के वैश्विकृत जगत में साधारण विकास केवल संघर्ष रोकने का साधन मात्र नहीं, कुछ और भी है

न्‍यूयॉर्क में 18 जुलाई को आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के तत्‍वाधान में सतत् विकास के बारे में उच्‍च स्‍तरीय राजनीतिक फोरम की बैठक के समापन पर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस का वक्‍तव्‍य।

सतत् विकास के बारे में उच्‍च स्‍तरीय राजनीतिक फोरम की आठ दिन की बैठकों से 2030 एजेंडा की आमूल परिवर्तनकारी दृष्टि के प्रति पुन: समर्पित होने और यह आकलन करने का अवसर मिला कि हम कहां हैं। मेरा मानना है कि आपकी चर्चाओं और 46 देशों की स्‍वैच्छिक राष्‍ट्रीय समीक्षाओं ने एजेंडा को लागू करने का संकल्‍प दिखाने में मदद की है।

उनसे, आपकी सरकारों के अन्‍य स्‍तरों अर्थात स्‍थानीय और क्षेत्रीय स्‍तरों पर भी संकल्‍प देखने को मिला। उनसे पता चला कि प्रबुद्ध समाज, निजी क्षेत्र, शिक्षा जगत और अन्‍य क्षेत्र किस तरह बढ़-चढ़कर और अधिक से अधिक महत्‍वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। वास्‍तव में हम दुनियाभर में अनेक क्षेत्रों - मातृ और बाल मृत्‍यु में कमी, बुनियादी शिक्षा का विस्‍तार, बिजली की सुलभता में सुधार तथा और भी अनेक अन्य क्षेत्रों - में महत्‍वपूर्ण प्रगति देख रहे हैं।

किन्‍तु आपकी चर्चाओं से यह भी स्‍पष्‍ट हो गया है कि हम कुछ ऐसे अन्‍य क्षेत्रों में पिछड़ रहे हैं या वापस जा रहे हैं जो किसी को पीछे न छोड़ने के हमारे साझे संकल्‍प के लिए बुनियादी महत्व के हैं। एक दशक में पहली बार अल्‍पपोषित लोगों की संख्‍या बढ़ी है जिसके मुख्‍य कारण संघर्ष, सूखा और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी आपदाएं हैं। लैंगिक असमानता, अब भी महिलाओं को पीछे रख रही है और बुनियादी अधिकारों तथा अवसरों से वंचित कर रही है। महत्‍वपूर्ण संवहनीय बुनियादी सुविधाओं में निवेश अब भी एकदम अपर्याप्‍त है।

इसके साथ ही हम बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहे हैं: तेज़ी से बढ़ता जलवायु परिवर्तन; बढ़ती संख्‍या में संघर्ष और असमानता; मानव अधिकारों का क्षय; एक अभूतपूर्व वैश्विक मानवीय संकट और कुछ क्षेत्रों में गरीबी तथा भुखमरी की गहरी जड़ें। 2030 एजेंडा और सतत् विकास लक्ष्‍य, समुचित वैश्विकरण के निर्माण के लिए हमारे सामूहिक प्रयास हैं। यह लक्ष्‍य इस बात की मान्‍यता हैं कि पिछले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के असाधारण विस्‍तार की खामियों को दूर करने की आवश्‍यकता है। हम जो कुछ भी करते हैं उसमें 2030 एजेंडा के सार को शामिल करना आवश्‍यक है।

हम वहां तक कैसे पहुंचेंगे? मैं कुछ आवश्‍यक रास्‍तों की तरफ संकेत करना चाहता हूं। सबसे पहले, हमें दुनिया की युवाओं की आमूल परिवर्तन करने की क्षमता को एकजुट करना चाहिए। सितम्‍बर में हम युवाओं को समर्थन देने और जोड़ने की संयुक्‍त राष्‍ट्र रणनीति की शुरुआत करेंगे। सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और सबके लिए उत्‍कृष्‍ट कार्य जुटाने तथा उत्‍पादन, उपभोग और जीने के हमारे तरीकों में बदलाव लाने के लिए शिक्षा एक महत्‍वपूर्ण साधन के रूप में बहुत आवश्‍यक है।

दूसरा, हमें ग्रीनहाउस गैसों के उत्‍सर्जन को नियंत्रण में रखना होगा। जलवायु परिवर्तन हमारी तुलना में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद संकल्‍पों को पूरा करने की राजनीतिक इच्‍छाशक्ति हमें अपर्याप्‍त दिखाई दे रही है। जलवायु कार्रवाई की बुनियाद पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता है। इसका मुख्‍य लक्ष्‍य है दुनिया के तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे और जितना हो सके 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना।

किन्‍तु हमें मानना होगा कि पेरिस समझौता पर्याप्‍त नहीं है। तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से बहुत नीचे रखने के लिए आवश्‍यक आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाने हेतु एक औद्योगिक और ऊर्जा क्रांति से कम में काम नहीं चलेगा और हम अभी उसके करीब नहीं पहुंचे हैं। सितम्‍बर 2019 के दौरान मैं जलवायु परिवर्तन के प्रति और अधिक कार्रवाई प्रेरित करने के लिए जलवायु शिखर सम्‍मेलन आयोजित करूंगा। मैं जलवायु परिवर्तन के मामले में साहसिक नेतृत्‍व और अभिनव कार्रवाई का मार्ग प्रशस्‍त करने के लिए आप पर निर्भर हूं।

तीसरा, सतत विकास लक्ष्‍यों में निवेश हेतु धन की कमी बहुत अधिक है जिसे तत्‍काल पूरा करना होगा। हमें 2030 एजेंडा को, विशेषकर लाचार देशों में लागू करने के लिए आवश्‍यक धन बड़ी मात्रा में जुटाना होगा। देशों को घरेलू संसाधन जुटाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। किन्‍तु अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय को भी पूंजी के अवैध प्रवाह, धन शोधन एवं कर वंचना रोकने के प्रयासों में देशों का भरपूर समर्थन करना चाहिए। मैं सितम्‍बर में 2030 एजेंडा के लिए धन की व्‍यवस्‍था के बारे में एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक बुलाऊंगा।

चौथा, टैक्‍नॉलॉजी में सतत् विकास लक्ष्‍य हासिल करने में मदद करने की बड़ी भारी क्षमता है। किन्‍तु यह बहिष्‍करण और असमानता की जड़ भी हो सकती है। हमें सबके लिए लाभकारी उन्‍नत टैक्‍नॉलॉजी का उपयोग करना होगा। पिछले सताप्‍ह मैंने डिजिटल सहयोग के बारे में एक नई उच्‍च स्‍तरीय समिति की घोषणा की है जो इस चुनौती पर ध्‍यान देगी।

अंत में, हमें अपनी संस्‍थाओं को और मजबूत करना होगा। यह बात इस वर्ष समीक्षागत लक्ष्‍यों और स्‍वैच्छिक राष्‍ट्रीय समीक्षाओं दोनों से साफ जाहिर थी। शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों के लिए हमें न्‍याय, प्रभावशीलता, पारदर्शिता, जवाबदेही और भागीदारी की आवश्‍यकता है। संस्‍थाओं को 2030 का एजेंडा पूरा करने, सभी मानव अधिकारों को साकार करने और सामाजिक सामंजस्‍य के लिए बुनियादी विश्‍वास को मजबूत करने हेतु इन सिद्धांतों का पालन करना होगा।

आज वैश्विकृत जगत में हम विकास को सिर्फ संघर्ष रोकने के साधन के रूप में नहीं देख सकते। विकास, सशक्‍त समाजों और शांतिपूर्ण विश्‍व के लिए उपयुक्‍त परिस्थितियां पैदा करने में भी बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। किन्‍तु विकास अपने आप में एक लक्ष्‍य है और उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र की कार्रवाइयों का मुख्‍य उद्देश्‍य होना चाहिए। हमें उन समस्‍याओं का समाधान करना होगा जो संघर्षों को जन्‍म देती हैं तथा दीर्घकालिक क्षमताओं और संस्‍थाओं के लिए समर्थन देना होगा जो सतत् शांति और सतत् विकास के लिए आवश्‍यक हैं।

हम जिन जटिल, परस्‍पर जुड़ी हुई और दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनसे निपटने का एकमात्र तरीका बहुपक्षीय सहयोग है। ग्‍लोबल कम्‍पैक्‍ट फॉर माइग्रेशन तथा ग्‍लोबल कम्‍पैक्‍ट ऑन रिफ्यूजीज के बारे में परामर्शों के ताजा निष्‍कर्ष बेहद उत्‍साहजनक हैं। सतत् विकास लक्ष्‍य हासिल करने के महत्‍वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने के लिए समग्र और मजबूत अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग आवश्‍यक है।

मुझे इस बात की भी खुशी है कि सदस्‍य देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास प्रणाली में सुधारों को अपना लिया है जिससे हम 2030 एजेंडा को पूरा करने के लिए सरकारों की मदद करने में अधिक समर्थ हो गए हैं। स्‍थानीय समन्‍वयक प्रणाली को लागू करना एक आवश्‍यक अगला कदम है और मैं उन देशों का आभारी हूं जिन्‍होंने 2019 में संक्रमण के दौरान इस प्रणाली के लिए धन की व्‍यवस्‍था में सहयोग की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है।

प्रत्‍येक सरकार, प्रत्‍येक इंसान 2030 एजेंडा को स्‍वस्‍थ पृ‍थ्‍वी पर शांति और संपन्‍नता का एजेंडा मानकर समर्थन दे सकते हैं। आइए, इस नए संकल्‍प के साथ इस फोरम से विदा लें कि अभिनव समाधानों को बांटने और एजेंडा को पूरा करने के लिए मिलकर काम करेंगे। आइए निर्णायक कार्रवाइयों के माध्‍यम से हम दिखा दें कि सतत् विकास के 2030 एजेंडा के लिए अपेक्षित आमूल परिवर्तन सच्‍चे अर्थों में आ रहा है। आपकी निष्‍ठा और संकल्‍पों के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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