भूमध्‍य सागर में अपनी नाव डूब जाने से 100 से अधिक शरणार्थियों और प्रवासियों की मृत्‍यु पर गहरा शोक व्‍यक्‍त करते हुए संयुक्‍…
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भूमध्य सागर में अपनी नाव डूब जाने से 100 से अधिक शरणार्थियों और प्रवासियों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने आग्रह किया है कि ऐसी और त्रासदियां न होने देने के लिए पहले से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जाएं।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने शनिवार को एक समाचार विज्ञप्ति में बताया है कि, "हम मध्य भूमध्यसागर मार्ग पर बढ़ती संख्या में लोगों की मृत्यु को लेकर चिंतित हैं और आग्रह करते हैं कि ऐसी और त्रासदियां रोकने के लिए सामूहिक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जाएं।" संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार रबड़ की एक नौका पर करीब 123 व्यक्ति सवार थे जब यह नौका 29 जून को लीबिया में तजौरा तट पर डूब गई। जीवित बचे लोगों ने बताया कि नौका यात्रा के लायक नहीं थी और भीड़ बहुत थी।
लीबिया के तटरक्षकों द्वारा सिर्फ 16 लोगों को बचाया जा सका।
जीवित बचे एक व्यक्ति ने सुरक्षित निकाले जाने के बाद यूएनएचसीआर को बताया, ''यह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दिन है, मैं तय नहीं कर पा रहा था कि खुद को बचाऊं, अपने बच्चों को या अपने दोस्तों को।''
मृतकों में 70 पुरुष 30 महिलाएं और 3 शिशु थे। बताया जाता है कि 80 से अधिक शव सागर में ही रह गए।
समाचार विज्ञप्ति में यूएनएचसीआर ने यह भी कहा कि उसी दिन करीब 300 शरणार्थियों और प्रवासियों को लीबिया के तटरक्षकों ने त्रिपोली नौसैनिक अड्डे पर उतारा था। इनमें 15 बच्चे और 40 महिलाएं थीं।
यूएनएचसीआर और उसके साझीदार इन लोगों को उतारने के दोनों स्थलों पर मौजूद थे और उन्होंने जीवित बचे लोगों को मानवीय सहायता दी। उसके बाद ही अधिकारियों ने उन्हें बंदीगृहों में भेजा।
अनुमान है कि 2018 की पहली छमाही में 1,130 से अधिक लोग उत्तर अफ्रीका से यूरोप जाने के लिए खतरनाक सागर को पार करते हुए मारे गए हैं।
मध्य भूमध्यसागर मार्ग[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]