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संयुक्‍त राष्‍ट्र तपेदिक शिखर सम्‍मेलन कार्रवाई को 'सही रास्‍ते पर वापस लाने' का 'ऐतिहासिक अवसर है' : विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की नई रिपोर्ट

21 September 2018

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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने मंगलवार को नवीनतम वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी कि दुनिया के देश 2030…

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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने मंगलवार को नवीनतम वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी कि दुनिया के देश 2030 तक विश्‍व के सबसे घातक संक्रामक रोग के उन्मूलन के लिए पर्याप्‍त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में तपेदिक (टीबी) के मामलों में कमी की गति विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एंड टीबी स्‍ट्रैटेजी में निर्धारित लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए बहुत धीमी है।

यह घातक रोग आमतौर पर फेफड़ों को संक्रमित करता है और हवा के माध्‍यम से फैलता है। यह विश्‍व भर में मृत्‍यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है और एचआईवी/एड्स से भी ऊपर एकल संक्रामक एजेंट से मृत्‍यु का एक प्रमुख कारण है। यह स्थिति तब है जब वैश्विक प्रयासों ने सन् 2000 से करीब 5.4 करोड़ लोगों को टीबी से होने वाली मौत के मुंह से बचाया है।

रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी यानी करीब 1.3 अरब लोगों के लिए अपने जीवनकाल के दौरान टीबी विकसित होने का खतरा है और अनुमान है कि सन् 2017 के दौरान लगभग 1,0000,000 लोग इस रोग से संक्रमित हुए हैं।

इस रोग से संक्रमण की भौगोलिक विसंगति चौंकाने वाली है। मोजाम्बिक, फिलीपीन्‍स और दक्षिण अफ्रीका सहित कुछ देशों में प्रति एक लाख आबादी पर जहां 500 मामले दिखाई देते हैं वहीं ऊंची आमदनी वाले देशों में यह अनुपात प्रति एक लाख पर 10 से भी कम है।

औषधि प्रतिरोधी टीबी अब भी जन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए संकट पैदा कर रही है। माना जाता है कि 5,00,000 से अधिक लोग टीबी की सबसे असरदार औषधि रिफैम्‍पिसीन प्रतिरोधी टीबी के शिकार हैं।

यह रिपोर्ट 26 सितंबर को न्‍यूर्यॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में टीबी के बारे में महासभा की पहली उच्‍च स्‍तरीय बैठक से ठीक पहले जारी की गई है। इस बैठक का विषय है ''टीबी की समाप्ति के लिए एकजुटता : वैश्विक महामारी के प्रति तत्‍काल विश्‍वव्‍यापी कार्रवाई (United to end TB: An Urgent Global Response to a Global Epidemic)।''

यह उच्‍च स्‍तरीय बैठक नवम्‍बर, 2017 में मॉस्‍को में टीबी की समाप्ति के लिए आयोजित वैश्विक मंत्री स्‍तरीय सम्‍मेलन के परिणामस्‍वरूप हो रही है। इस सम्‍मेलन में करीब 120 देशों ने टीबी उन्‍मूलन के लिए कार्रवाई तेज करने के बारे में उच्‍च स्‍तर पर संकल्‍प व्‍यक्‍त किया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जून में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में आयोजित तैयारी सामाजिक सुनवाई के दौरान कहा था कि तपेदिक से संघर्ष में विजय पाने के लिए जरूरी है कि इस रोग के ''सामाजिक संचालकों'', विशेषकर गरीबी और असमानता से सीधे निपटा जाए। उनका कहना था कि सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा उपलब्‍ध कराने और एंटी माइक्रोबियल रैजिस्‍टैंस के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन महानिदेशक डॉक्‍टर टैडरॉस अधानोम घेब्रायेसस ने कहा, ''हमने इससे पहले इस बारे में उच्‍च स्‍तर पर इतनी राजनीतिक समझ और दृष्टि कभी नहीं देखी कि दुनिया को टीबी और औषधि प्रतिरोधी टीबी के उन्‍मूलन के लिए क्‍या करना जरूरी है? हमें इस नई हलचल का लाभ उठाना होगा और इस भीषण रोग को मिटाने के लिए मिलकर कार्रवाई करनी होगी।''

टीबी से संघर्ष में बड़ी चुनौतियां वास्‍तव से कम रिपोर्टिंग और वास्‍तव से कम निदान तो हैं, लेकिन तत्‍काल सबसे बड़ी बाधा धन की उपलब्‍धता की है।

2018 में निम्‍न और मध्‍यम आय वाले देशों में तपेदिक की रोकथाम और देखभाल में निवेश आवश्‍यकता की तुलना में 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर कम रहा। अगर यह राशि बढ़ाई न गई तो 2022 तक धन की आवश्‍यकता और उपलब्‍धता में अंतर 6 अरब डॉलर से भी अधिक हो जाएगा।

रिपोर्ट में 26 सितम्‍बर, को होने वाली उच्‍च स्‍तरीय बैठक को टीबी उन्‍मूलन कार्रवाई को ''वापस सही रास्‍ते पर लाने'' का 'ऐतिहासिक अवसर'' बताया गया है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के ग्‍लोबल टीबी प्रोग्राम की निदेशक डॉ. टेरेसा कसायेवा ने कहा कि ''इस निरोध्‍य और उपचार योग्‍य रोग के कारण लाखों लोगों की मृत्‍यु और प्रतिदिन उससे कहीं अधिक लोगों का कष्‍ट उठाना अस्‍वीकार्य है। हमें इस रोग को मिटाने के लिए मिलकर कार्रवाई करनी होगी। यह रोग ''पीछे छूट गए'' लोगों पर विनाशकारी, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव डालता है, जिनके मानव अधिकार और गरिमा सीमित हैं और जो देखभाल की सुविधा तक पहुंचने के लिए जूझते हैं। अब इस बारे में कार्रवाई करने का समय आ गया है।''[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

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